एक छोटा बच्चा लगभग पांच -छह साल का टीवी देखने में व्यस्त है ,ऐड आने पर बीच-बीच में अपने खिलौनों से खेलने लगता है। उसकी माँ बार-बार उसको दूध पीने के लिए बुला रही है लेकिन बच्चा माँ की आवाज को अनसुना करके अपने आप में ही मस्त है। बहुत देर आवाज लगाने के बाद माँ को बहुत तेज गुस्सा आ गया। माँ ने बच्चे के पास आकर उसे बहुत जोर से डाँटा और कहा की अब वो उसे चाँटा लगाएगी। इतनी सी बात सुनते ही बच्चा जोर-जोर से रोने लगा।
सभी अभिभावकों को कभी न कभी बच्चों के साथ ऐसी स्थिति का सामना करना ही पड़ता है। इसके लिए ये जानना बहुत जरूरी है की ऐसा होने का क्या कारण है ?
माँ-बाप को ऐसा बिलकुल नहीं सोचना चाहिए की बच्चा ऐसा जान-बूझकर कर रहा है ,उनकी ऐसी कोई भावना नहीं होती की उन्हें आपकी बात माननी ही नहीं है। इसका कारण यह है की उन्हें आपकी बात का महत्त्व ही नहीं पता और इसलिए वो आपकी बात को टाल देते हैं.उदहारण के तौर पर ,आपको पता है की आपके बच्चे के लिए दूध पीना कितना जरूरी है.लेकिन बच्चा इतनी सी उम्र में ये नहीं समझ पाता। ऐसे में माँ-बाप से जब उन्हें डांट पड़ती है तो उन्हें बहुत बुरा लगता है क्योंकि वे समझ ही नहीं पाते की उनकी गलती क्या है।
बच्चों से अपनी बात मनवाने के लिए अभिभावक अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कभी गिफ्ट का लालच देते हैं तो कभी मार या डांट का डर दिखाते हैं।लेकिन जब यह रोज की बात हो जाती है तो बच्चो को न तो कुछ लेने का लालच होता है और न ही डाँट या कोई डर। ऐसे में अभिभावक खुद को बड़ा ही असहाय महसूस करने लगते हैं। कई अभिभावक तो इतना तक सोच लेते हैं कि उनके बच्चे को कोई मनोवैज्ञानिक समस्या है और उन्हें काउंसिलिंग की जरूरत है।
बाल मनोवैज्ञानिक सलाह देते हैं कि सबसे पहले माता-पिता को इस बात पर ध्यान देना होगा कि बच्चा उनकी बात कब-कब और कितनी बार नहीं मानता।
बच्चे से अपनी बात मनवाने के लिए उन्हें आदेश न दें। प्यार से उनको बुलाएँ ,उनकी आँखों में आँखें डालकर देखें और फिर कुछ काम करने को कहें। अगर वो फिर भी आपकी बात ना सुनें तो जोर से गुस्सा करने की बजाय मीठी सी झिड़की दे दें। उन्हें कहें कि अगर उन्होंने आपकी बात नहीं मानी,तो आप उनसे नाराज हो जाएंगी। बच्चों को डांटने-मारने की बजाय उनका उत्साह बढ़ाएं और प्यार से समझाएं कि अच्छे बच्चों को क्या करना चाहिए।
बच्चे हैं ,गलती तो करेंगे ही। उदहारण के लिए यदि बच्चा खेलते समय कुछ तोड़ देता है ,तो उसे समझाएं कि हमेशा घर के अंदर न खेलकर कुछ समय वह सावधानी से घर के बाहर भी खेले और हो सके तो आप भी कुछ समय उसके खेल के साथी बन जाएँ। थोड़े से प्यार और समझदारी से आप भी अपने बच्चे को पॉजिटिव और आज्ञाकारी बना सकते हैं।
सभी अभिभावकों को कभी न कभी बच्चों के साथ ऐसी स्थिति का सामना करना ही पड़ता है। इसके लिए ये जानना बहुत जरूरी है की ऐसा होने का क्या कारण है ?
माँ-बाप को ऐसा बिलकुल नहीं सोचना चाहिए की बच्चा ऐसा जान-बूझकर कर रहा है ,उनकी ऐसी कोई भावना नहीं होती की उन्हें आपकी बात माननी ही नहीं है। इसका कारण यह है की उन्हें आपकी बात का महत्त्व ही नहीं पता और इसलिए वो आपकी बात को टाल देते हैं.उदहारण के तौर पर ,आपको पता है की आपके बच्चे के लिए दूध पीना कितना जरूरी है.लेकिन बच्चा इतनी सी उम्र में ये नहीं समझ पाता। ऐसे में माँ-बाप से जब उन्हें डांट पड़ती है तो उन्हें बहुत बुरा लगता है क्योंकि वे समझ ही नहीं पाते की उनकी गलती क्या है।
बच्चों से अपनी बात मनवाने के लिए अभिभावक अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। कभी गिफ्ट का लालच देते हैं तो कभी मार या डांट का डर दिखाते हैं।लेकिन जब यह रोज की बात हो जाती है तो बच्चो को न तो कुछ लेने का लालच होता है और न ही डाँट या कोई डर। ऐसे में अभिभावक खुद को बड़ा ही असहाय महसूस करने लगते हैं। कई अभिभावक तो इतना तक सोच लेते हैं कि उनके बच्चे को कोई मनोवैज्ञानिक समस्या है और उन्हें काउंसिलिंग की जरूरत है।
बाल मनोवैज्ञानिक सलाह देते हैं कि सबसे पहले माता-पिता को इस बात पर ध्यान देना होगा कि बच्चा उनकी बात कब-कब और कितनी बार नहीं मानता।
बच्चे से अपनी बात मनवाने के लिए उन्हें आदेश न दें। प्यार से उनको बुलाएँ ,उनकी आँखों में आँखें डालकर देखें और फिर कुछ काम करने को कहें। अगर वो फिर भी आपकी बात ना सुनें तो जोर से गुस्सा करने की बजाय मीठी सी झिड़की दे दें। उन्हें कहें कि अगर उन्होंने आपकी बात नहीं मानी,तो आप उनसे नाराज हो जाएंगी। बच्चों को डांटने-मारने की बजाय उनका उत्साह बढ़ाएं और प्यार से समझाएं कि अच्छे बच्चों को क्या करना चाहिए।
बच्चे हैं ,गलती तो करेंगे ही। उदहारण के लिए यदि बच्चा खेलते समय कुछ तोड़ देता है ,तो उसे समझाएं कि हमेशा घर के अंदर न खेलकर कुछ समय वह सावधानी से घर के बाहर भी खेले और हो सके तो आप भी कुछ समय उसके खेल के साथी बन जाएँ। थोड़े से प्यार और समझदारी से आप भी अपने बच्चे को पॉजिटिव और आज्ञाकारी बना सकते हैं।
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